लापरवाही पूर्ण ड्यूटी व निजी क्लीनिक पर ऑपरेशन करने से आदिवासी बच्ची की मृत्यु पर जिला चिकित्सालय में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा का धरना प्रदर्शन

जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ के डॉक्टर अंशुल जैन के लापरवाही पूर्ण ड्यूटी व निजी क्लीनिक पर ऑपरेशन करने से आदिवासी बच्ची की मृत्यु पर कानूनी कार्यवाही के लिए दिया ज्ञापन
जिला चिकित्सालय में कानूनी कार्रवाई नहीं होने पर किया जा रहा धरना प्रदर्शन।
प्रतापगढ़। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा की ओर से निवेदन हैं कि घटना दिनांक 15.10.2024 को श्यामलाल पिता सोहनलाल निवासी सरकोट की पुत्री तन्वी मीणा का पेट में गठान होने पर जिला चिकित्सालय इलाज कराने लाया था जहाँ पर्ची काउण्टर पर समय होने का बहाना बनाकर अस्पताल कर्मचारी ने निजी क्लीनिक डॉक्टर अंशुल जैन का एड्रेस देते हुए वहाँ बताने का कहा। फिर श्यामलाल अपनी पुत्री को डॉक्टर अंशुल जैन के टैगोर पार्क स्थित निजी क्लीनिक पर गया जहाँ डॉक्टर अंशुल जैन ने इलाज करने के 15000/- रूपया फिस लेकर बच्ची को ऑपरेशन हेतु अंदर ले गए। जहाँ लापरवाही पूर्वक बिना उवित संसाधनों के बच्ची का बिना बेहोश किये ऑपरेशन किया इस दौरान बच्ची की मौत हो गयी इसके बाद डॉक्टर ने अपना कृत्य छीपाने के लिये आनन-फानन में बच्ची को अपनी स्वयं की कार में डालकर सरकारी अस्पताल ले गया जहाँ मरीज भर्ती पर्ची कटवाकर मृत बच्ची को भर्ती करा दिया और बच्ची की डेथबॉडी मोर्चरी में रखवा दी और उल्टा बच्ची के परिजन को डांट-फटकार करने लगा। इस प्रकार डॉक्टर की घोर लापरवाही और बच्ची की जान के साथ खिलवाड़ करने से उसकी मौत हो गयी है इस घटनाक्रम को लेकर भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा की प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं किः-
१. आरोपी डॉक्टर अंशुल जैन को तुरन्त प्रभाव से निलंबित कर इसकी डाॅ की डिग्री रदद करायी जाए और मृत्युदण्ड जैसे कठोर सेक्शन से दक्षित कराया जायें।
2. आरोपी डॉक्टर को सहयोग करने वाले सरकारी अस्पताल के स्टाक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जायें।
3. CMHO को तुरन्त प्रभाव से हटाया जाए जिसकी देखरेख में पिछले कई महिनों से इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही है।
4. पीएमओ को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए क्योंकि चिकित्सालय में भ्रष्टाचार चरम सीमा पार हो चुका है।
* पीडित परिवार के परिवारजन को नियमानुसार उचित मुआवजा दिलाया जायें।
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने
उपरोक्त माग पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया है कि निजी क्लीनिक पर अधूरे संसाधनों से बच्ची का लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन करने पर मृत्यु होने पर और अपराध को छीपाने के लिये गलत तरीके से डॉक्टर द्वारा अस्पताल में भर्ती कराने का कृत्य करने पर दोषी डॉक्टर, सरकारी अस्पताल के सहयोगी स्टॉफ को पुरे प्रभाव से निलम्बित करने, डॉक्टर की डिग्री रदद करने की ठोस कानूनी कार्यवाही करने एवं पीडित पक्ष को उक्ति मुआवजा दिलाने की कृपा करा समय रहते इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें कानून कार्रवाई नहीं होने पर भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा को उग्र प्रदर्शन, अनिश्चित कॉलिन धरना, रोडजाम जैसे कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
इस घटनाक्रम पर मौके पर प्रशासन मुस्तैद, पूरे घटना क्रम पर है पुलिस प्रशासन की कड़ी नजर।