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ग्राम पलासिया में युवक की आत्महत्या का मामला, रिश्तेदार मांग रहे थे रुपए, पुलिस भी कर थी परेशान।

सुसाइड नोट में लिखा : भीलवाड़ा सीआई को रिश्तेदारों का मामला सुलझाने दिए 15 लाख फिर भी केस बनाया।

सिंगोली थाना क्षेत्र के गांव पलासिया में मंगलवार की सुबह युवक नेआत्महत्या कर ली थी। इससे पहले करीब 10 पेज का सुसाइड मृतक शांतिलाल नोट मेहर। लिखा। परिजन भी ने बुधवार को युवक का मोबाइल व सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा। युवक ने 10 पेज के नोट में अफीम व डोडाचूरा तस्करी से जुड़े राज खोले हैं। इसके आधार पर युवक के रिश्तेदार तस्करी में लिप्त थे, जिन्हें बचाने के लिए भीलवाड़ा व सिंगोली पुलिस को लाखों रुपए देने की बात कही गई है। मामले में सिंगोली पुलिस ने युवक के परिजन की शिकायत पर तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस अधिकारी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

शांतिलाल के केस की कहानी उसके भाई की जुबानी।

मृतक शांतिलाल के बड़े भाई घनश्याम मेहर ने बताया कि मामला करीब दो साल पुराना है। मेरा भाई खेती के साथ उपज की खरीदी-बिक्री करता था और गांव में किराने की दुकान है। 2022 में हमारे अंकल हीरालाल मेहर का लड़का बाबूलाल मेहर पिकअप में 4 क्विंटल डोडाचूरा लेकर राजस्थान जा रहा था। पिकअप बाबूलाल के साले प्रहलाद सालवी निवासी कड़ी खुर्द मनासा की थी। बाबूलाल अल्टो कार से पायलेटिंग कर रहा था। भीलवाड़ा मांडल थाना रायले में पुलिस ने डोडाचूरा पकड़ लिया। इसमें अंकल हीरालाल एवं उनका बेटा बाबूलाल शांतिलाल के पास आए और मामले की जानकारी देकर सेटलमेंट का जुगाड़ कराने को कहा। करीब एक-दो घंटे तक मित्रों व रिश्तेदारों से चर्चा की। इस दौरान हमारे समधी बनवारी लाल ने बताया कि महावीर बैरागी सेटिंग करा सकता है। उससे मिलने पर भीलवाड़ा पुलिस से करीब 15 लाख रुपए में सेटिंग हुई थी। इसमें से 16.98 लाख अंकल के लड़के ने दिए व शेष करीब 7.50 लाख रुपए शांतिलाल अपने मित्र शिशुपाल शर्मा से उधार लाया था। इसके बाद शांतिलाल ने पुलिस को रुपए दिए। दो साल तक मामला शांत रहा और भीलवाड़ा पुलिस ने परेशान नहीं किया। अब एक-दो माह
से भीलवाड़ा पुलिस व सिंगोली पुलिस से कन्हैयालाल राठौर आने लगे थे। कुछ समय पहले इन्होंने खेत पर शांतिलाल के साथ चर्चा की व 4 लाख
रुपए और मांग रहे थे। पुलिस के परेशान करने पर अंकल हीरालाल व बाबूलाल भी धमकी देने लगे कि तुमने रुपए नहीं दिए तो पुलिस ने प्रकरण बना दिया। रिश्तेदार भी 7 लाख रुपए मांगते हुए धमकाने लगे। मेरे पास भी अंकल का फोन आया था कि तेरे मां-बाप हैं, दो बच्चे हैं उन्हें काटकर रख दूंगा, बोरे में भरकर ले जाना रावतभाटा। इस तरह रिश्तेदार व पुलिस मुझे परेशान करने लगे थे।

सभी करते हैं तस्करी इसलिए नहीं की शिकायत।

घनश्याम ने बताया कि हीरालाल, बाबूलाल, प्रहलाद सालवी, शिशुपाल सालवी सभी किसानों से अफीम डोडाचूरा खरीदकर तस्करी का काम करते हैं। मामले में धमकी मिली तो मैंने शांतिलाल को पुलिस में शिकायत करने का कहा था। उसने कहा कि बात और बिगड़ जाएगी इसलिए हमने शिकायत नहीं की।

सभी ड्राइवरों को धमकाया।

मृतक उपज खरीदी-बिक्री का काम करता था। इसके लिए गाड़ियां खरीद रखी थीं और 4 ड्राइवर काम करते थे। गाड़ी माल लेकर जाती तो हीरालाल, बाबूलाल, ओंकारलाल, प्रहलाद सालवी एवं ओंकारलाल का साला भाटखेड़ी निवासी शिशुपाल सालवी लठ्ठ व कुल्हाड़ी लेकर क्षेत्र में घूमने लगे थे और ड्राइवरों को धमकाते थे। इसके चलते चारों ड्राइवर काम छोड़कर चले गए।

जांच की जा रही है।

परिजन ने बुधवार दोपहर में सुसाइड नोट व मोबाइल पुलिस को सौंपा है। परिजनों की शिकायत पर हीरालाल, बाबूलाल, ओंकारलाल मेहर को पूछताछ के लिए बुलाया है। जिन पुलिस वालों पर रुपए लेने के आरोप लगे हैं उनकी जांच की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ के बाद खुलासा किया जाएगा। भूरालाल भाभर, टीआई सिंगोली।

मृतक के आखरी शब्द।

मृतक ने अपने 10 पेज के सुसाइड नोट में
पूरे घटनाक्रम की जानकारी के साथ बताया कि कई मामले में सेटलमेंट करने के लिए शिशुपाल शर्मा से 7.50 लाख, बाबूलाल से 6.98 लाख एवं बनवारीलाल से 2.50 लाख रुपए लिए थे। 15 लाख रुपए आरोप से बचने और 2 लाख अल्टो कार को छुड़ाने के लिए बात हुई थी। एक बार महावीर के साथ 6 लाख रुपए भीलवाड़ा सदर सीआई को दिए। दूसरी बार 7 लाख हम 4 लोगों ने जाकर दिए। 2 लाख कार के लिए हमने रोक लिए व शेष राशि कोर्ट व अन्य मामलों में खर्च हो गई। सीआई ने सेटलमेंट के बाद भी कार नहीं छोड़ी तो हीरालाल व बाबूलाल समाज में कहने लगे कि शांतिलाल व महावीर हमारे 15 लाख रुपए खा गए। हमारे ऊपर दबाव बनाने लगे। मुझे आत्महत्या करने पर मजबूर करने वाले हीरालाल मेहर, बाबूलाल मेहर, ओंकारलाल मेहर, मुरली मेहर, प्रहलाद सालवी खाड़ी खुर्द, शिशुपाल सालवी भाटखेड़ी है। यह मुझे मारने पर तुले हैं इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। इसके अतिरिक्त शांतिलाल ने 9 लोगों का जिक्र किया जिनसे उसे रुपए लेने हैं। लंबे समय से उधारी के बाद राशि नहीं लौटाने पर उसने अपने नोट में पूरा हिसाब दिया है।

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