प्रतापगढ़

सिकल सेल एनीमिया संक्रामक बीमारी नहीं है।

 

जिला प्रशासन ने की भ्रामक खबरों के बहकावे में न आने की अपील

आनुवांशिक बीमारी है, सिकल सेल एनीमिया – हवा, पानी से नही फैलती यह बीमारी

प्रतापगढ़। आनुवांशिक बीमारी है, सिकल सेल एनीमिया – हवा, पानी से नही फैलती यह बीमारी
सिकल सेल एनीमिया को लेकर भ्रामक खबर के संबंध में जिला कलेक्टर डॉ. अंजली राजोरिया के निर्देशानुसार सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिला कलेक्टर ने समस्त जिलेवासियों से अपील की है की वह किसी भी प्रकार की भ्रामक खबर से बचें। सिकल सेल एनीमिया संक्रामक बीमारी नहीं है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त जिला कलेक्टर विनय पाठक और सीएमएचओ डॉ. जीवराज मीणा और मीडियाबंधु उपस्थित रहे। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने कहा की जिला प्रशासन द्वारा चिकित्सा विभाग के सहयोग से सिकल सेल एनीमिया को लेकर घर घर सर्वे किया जा रहा है। जिलेभर में 4 लाख 70 हजार के लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 4 लाख 10 हजार की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिसमें सिकल सेल एनीमिया के लगभग 46 केस पॉजिटिव पाए गए है। हमारा यही लक्ष्य है की कोई व्यक्ति जांच से न छूटे। जिला प्रशासन इसे रोकने के पूर्ण प्रयास कर रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से अपील की है की किसी भी प्रकार की भ्रामक खबर के बहकावे में न आए।

प्रेस कांफ्रेंस में बताया की अभियान के अंतर्गत वर्तमान में 0–40 वर्ष तक के जनजाति संवर्ग के व्यक्तियों का सर्वे कर जांच की जा रही है। चिकित्सा विभाग के माध्यम से, सिकल सेल की जांच जरूर करवाएं।

क्या है सिकल सेल एनिमिया

सीएमएचओ ने बताया की एनीमिया-सिकल सेल हीमोग्लोबिन पैथी लाल रक्त कोशिकाओं का एक अनुवांशिक रोग है। इसमें मुख्य रूप से सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया शामिल है।

घर बसाने से पहले वर वधू की सिकल सेल की जांच रिर्पोट मिलान जरूरी

सीएमएचओ ने बताया की यह एक ऐसी लाइलाज बीमारी जो ना हवा से फैलती है ना पानी से और ना ही भोजन से। माता-पिता से ही बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो जाते है। इसलिए जोड़ियां बनाने से पहले मेडिकल कुंडली का मिलान जरूरी है। दरअसल, देखना यह है दंपत्ति बनने जा रहे जोड़े (वर वधू) में कोई सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित तो नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया की सिकल सेल एनीमिया एक रक्त विकार (ब्लड डिसऑर्डर) है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहता है। ये बीमारी माता-पिता से ही बच्चे में आती है। ये पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल) को प्रभावित करता है। मुख्य रुप से आरबीसी हसियाकार के रुप में हो जाता है।सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित इंसान को रक्त प्रवाह में कमी या रुकावट का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप कई लक्षण दिखाई देते हैं जो आम तौर पर छह महीने की उम्र के आसपास नजर आते हैं।

ये हैं लक्षण

सिकल सेल एनीमिया के अंदर कैरियर में उनमें यह लक्षण होते है जैसे अंदर थकान होना , छाती और जोड़ों में दर्द होना और हाथ पैरों में सूजन होना त्वचा और आंख पीला पड़ना और आंखों में कम दिखना।

क्या है सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन

सीएमएचओ ने बताया की राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से जनजाति क्षेत्र में 0-40 वर्ष की आयु के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करके और जांच करके सिकल सेल एनीमिया को खत्म करना है।

जेनेटिक काउंसलिंग ज़रूरी 

सिकल सेल एनीमिया बीमारी के उन्मूलन कार्यक्रम में  जेनेटिक काउंसलिंग ज़रूरी है।  शादी के पहले लड़का और लड़की का मेडिकल रिपोर्ट मिलान कर उन्हें इस रोग के बारे में जानकारी दी जा सकती हैं। जिससे भविष्य में होने वाली इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।

प्रतापगढ़ जिला कलक्टर ने इस मामले बताया कि: सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है और यह हवा या पानी के माध्यम से नहीं फैलती है। सिकल सेल एनीमिया एक प्रकार की खून की बीमारी है, जो उस समय होती है जब व्यक्ति को सिकल सेल के जीन का एक दोष होता है। यह स्थिति माता-पिता से बच्चे को अनुवांशिक रूप से प्राप्त होती है और इसमें खून की कोशिकाएं सामान्य रूप से गोल आकार की बजाय सिकल (अर्धचंद्राकार) में बदल जाती हैं। यह बीमारी संक्रामक नहीं है और न ही यह किसी के संपर्क में आने से फैलती है। हम सभी से अनुरोध है कि वे किसी भी असत्य या भ्रामक जानकारी पर विश्वास न करें और केवल प्रमाणित स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। जिला प्रशासन इस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए तत्पर है और यदि किसी को इस बीमारी के बारे में कोई प्रश्न हो या सहायता चाहिए हो, तो कृपया चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें।

जिला कलक्टर डॉ. अंजली राजोरिया प्रतापगढ़।

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