सिमाडा बालाजी मंदिर पर नर्मदेश्वर शिव महापुराण कथा में बह रही है धर्म गंगा।
सिंगोली।कदवासा और महपुरा पूरण के बीच में सिमाड़ा के बालाजी के यहां पर श्री नर्मदेश्वर शिव महापुराण कथा श्रध्देय श्री गोपाल कृष्ण जी उपाध्याय मां कामाख्या धाम निशानियां सोयत कला के मुखारविंद से हो रही है आचार्य श्री ने संगीतमय शिव महापुराण कथा में बताया कि मंदिर के अंदर दोनों बेरी जानवर सांप व चूहा साथ साथ रहते हैं और अपने बैर को मंदिर के अंदर भूलाते हैं अपन तो फिर भी मनुष्य है सत्संग भगवान से मिलाता है जो सत्संग निर्मल हृदय से किया जाता है उस कीर्तन सतसंग में शेर व गीदड़ भी नाचने लगते हैं ईश्वर के चरणों में एक अरदास इस प्रकार लगाना चाहिए कि मेरे जीवन की नैया आप ही पार लगा सकते हो कथा के दौरान शिव पार्वती विवाह का प्रसंग भी आया शिव पार्वती विवाह के दौरान धार्मिक भजनों की प्रस्तुति दी भजनों के दौरान भक्तजनों द्वारा खूब नाच किया गया।
कथा स्थल पर प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग का पूजन व रुद्राक्ष वितरण हो रहा है कथा का आयोजन सुतलिया परिवार के दुलीचन्द धाकड़ नानालाल धाकड़ बंशीलाल धाकड़ बाबूलाल धाकड़ महुपुरा पूरण वालों की तरफ से रखा गया है व कथा में लगभग 2500 श्रद्धालुओं ने भाग लिया व कथा के अंत में नर्मदेश्वर शिव महापुराण की आरती कर प्रसादी वितरण की गई i