प्रतापगढ़

सीता माता मेले में मंदिर में किए दर्शन प्रकृति का उठाया लुत्फ

सीता माता मेले में मंदिर में किए दर्शन प्रकृति का उठाया लुत्फः दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की लगी लम्बी कतारें

अमावस्या पर सीतामाता मेले में उमड़े लोग

प्रतापगढ़। सीता माता वन्य जीव अभयारण्य में राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से भी पहुंचे लोग

प्रतापगढ़/बारावरदा जिले के प्रमुख सीतामाता अभयारण्य स्थित सीतामाता मंदिर के चार दिवसीय मेले में गुरुवार को अमावस्या पर प्रमुख मेला भरा। यहां लोगों ने प्रकृति का लुत्फ उठाया। मंदिर में दर्शन के लिए कतारें लगी रही। यहां अभयारण्य में मेला 25 जून से शुरू हुआ है। जो बुधवार तक 28 तारीख को समाप्त होगा। यहां पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी तैनात रहे। वहीं मेले में इस बार प्लास्टिक पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। सीतामाता मेले में करीब एक से डेढ़ लाख के बीच श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। सीतामाता के लिए मेल में उबड़-खाबड़, पथरीला रास्ता से होते हुए सीतामाता मंदिर तक पहुंचना पड़ता है। वहीं गर्मी तेज गर्मी के कारण लोगों की तबीयत भी खराब हुई। दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी रही। घंटों तक कड़ी तपती धूप में खड़े होने के बाद लोगों ने सीतामाता मंदिर में दर्शन किए। दर्शन के लिए उज्जैन, इंदीर, महु, झाबुआ, मंदसौर, जावरा, रतलाम, नामली, सैलाना, पिपलोदा, सीतामऊ, नीमच, जावद, भोपाल मध्य प्रदेश के लोग मेले में आए। वहीं राजस्थान में उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, बड़ी सादड़ी, निबाहेड़ा, चित्तौड़, बेगू, कपासन, मेवाड़ के कई क्षेत्र के लोग काफी संख्या में पहुंचे। प्रशासन अलर्ट पर, खाने के कई सामानों पर इस बार रोक रही
इस वर्ष अधिक गर्मी को देखते हुए कई सामग्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें तरबूज, खरबूजा, कुल्फी, पेप्सी आदि की विक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसके साथ ही यहां जगह-जगह पर चिकित्सा विभाग के और से केंप लगाए गए है। मेलार्थियों को सार्वजनिक स्थान पर जलस्वोत के पास गंदगी नहीं करने को पाबंद किया गया।

बारावरदा, सीतामाता मंदिर के बाहर दर्शन के लिए लगी कतारें।

बारावरदा, सीतामाला मेले में रात्रि विश्राम स्थल पर मौजूद लोग।

आमजन को खराब खाद्य सामग्री नहीं लेने के लिए सावचेत किया जा रहा है। इसके साथ ही मेले में प्लास्टिक पूर्ण तरीके से बंद है। वाहनों और पैदल पहुंचे लोग मेले में लोगों ने दुर्गम रास्तों एवं पैदल दूरी तय की और सीतामाता मंदिर पर पहुंचे। जहां मंदिर में दर्शन किए। गरम एवं ठंडे पानी के कुंड में डूबकी लगाई। मनिहारी, खानपान, सौदर्य प्रसाधान की वस्तुओं की खरीदारी की। मेलार्थियों की सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न विभाग की टीमें तैनात रही। कई स्थानों पर है छोटे मंदिर और ओटले यहां अभयारण्य में सीतामाता मंदिर के अलावा लव कुश जन्मभूमि, ठंडे और गर्म जल के कुंड भी हैं। जंगल व प्राकृतिक छटा से अद्भुत तथा भिन्न प्रकार के पेड़ और वनस्पतियां पाई जाती है। यहां ऊंची पहाडियों से होकर रास्ता है, जो सीतामाता मंदिर तक पहुंचता है।

अधिकारियों ने किया निरीक्षण मंदिर में सुबह बजे से दोपहर 4 बजे तक लगातार लंबी-लंबी कतारे रही। साथ ही ने मेले कर रात्रि में जायजा लिया। मौजूद थे। देवगढ़ थाना अधिकारी मय टीम के मौजूद रहे। मेले में आने वाले जेब कतरों से भी सावधानी बरतने के लिए निर्देश दिए गए। मौके पर ग्राम पंचायत पाल द्वारा पानी व भोजन की व्यवस्था की गई। साथ ही मंदिर की सीढ़ियों पर श्रद्धालुओं की लगातार खचाखच भीड़ भरी हुई रही। इस मौके पर विकास अधिकारी सत्य प्रकाश विजयवर्गी सरपंच संगीता मीणा, ग्राम विकास अधिकारी जीवन लाल मीणा बाबुलाल मीणा ने मेले में आने वाले यात्रियों के लिए टेंट व
बिछायत की व्यवस्था भी की गई। लापता बच्चे को पहुंचाया परिजनों के पास यहां आपदा प्रबंधन टीम ने लावारिस बच्चे को उसके परिजनों के पास पहुंचाया। बड़ी सादड़ी मुंजवा के रास्ते से आपदा टीम ने की पेट्रोलिंग

उड़न गिलहरी के लिए प्रसिद्ध स्थल

बारावरदा, सीतामाता अभयारण्य में जलस्रोत पर नहाते लोग।
‌माड कला ग्राम पंचायत के सरपंच भांजी भाई मीणा ग्राम विकास अधिकारी गणपत मीणा
ग्राम पंचायत पाल संगीता मीणा ग्राम विकास अधिकारी सत्य प्रकाश विजयवर्गी विकास ग्राम अधिकारी सुरेश गायरी जीवन लाल मीणा राकेश मीणा मौके पर मेला कंट्रोल रूम पर मौजूद रही साथ ही देवगढ़ थाना अधिकारी कंट्रोल रूम पर मौजूद रहे पुलिस जाता तैनात रहा वही राम मोहन मीणा
सहायक वन संरक्षक वन्य जीव धरियावद
जख्म रेंजर सोमेश्वर त्रिवेदी नाका अनूपपुर नाका इस्माइल मोहम्मद सिंधी रमेश मीणा वनरक्षक नाका ग्यासपुर सुनील डामोर वनरक्षक नाका उनकी टीम द्वारा मेले में पॉलिथीन ने उसे करने वाले दुकानदारों पर पॉलिथीन की प्लास्टिक की थैलियां को उपयोग न करने की कहा और प्लास्टिक की थैलियां जप्त की गई।

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