जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पुलिस थाना द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किये जाने को लेकर दिया ज्ञापन

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प्रतापगढ़। प्रार्थी हर्षित कुमार पिता केशरीमल जैन निवासी प्रतापगढ़ ने पुलिस अधीक्षक के सामने प्रस्तुत होकर ज्ञापन के द्वारा बताया कि में प्रार्थी हर्षित कुमार पिता केशरीमल जैन निवासी प्रतापगढ़ पुलिस थाना प्रतापगढ़ ने न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ के समक्ष अभियुक्त सुर्यप्रकाश पिता विमल कुमार कांठेड़ निवासी प्रतापगढ़ के विरूद्ध अपराध अन्तर्गत धारा 109, 76, 61 (1) बी.एन.एस. के तहत परिवाद पेश किया था। जिस पर न्यायालय ने दिनांक 13-12-2024 को धारा 175 (3) बी०एन०एस०एस० के तहत पुलिस थाना प्रतापगढ़ को प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान के आदेश प्रदान किये थे। लेकिन दिनांक 05-03-2025 को पुलिस थाना प्रतापगढ़ ने अभियुक्त से मिली भगत कर मुझ प्रार्थी को अपनी कस्टडी में रख कर मेरी पत्नी मिनाक्षी जैन से जबरन दबाव बनाकर एक झूठा राजीनामा निष्पादित करवाया कि अभियुक्त सुर्यप्रकाश ने मुझ प्रार्थी को भुखण्ड सम्बंधित बकाया सारे रूपये अदा कर दिये है और अब कोई लेन-देन बकाया नहीं है तथा मुझ प्रार्थी ने जो अभियुक्त के विरूद्ध जो भी केस दर्ज करवा रखे है वे सभी वापस ले लेंगे और अभियुक्त के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं करेंगे।
3. यह कि पुलिस प्रतापगढ़ अभियुक्त से मिलकर मुझ प्रार्थी द्वारा दर्ज रिपोर्ट में एफ.आर. दे दी गई तथा न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ के समक्ष जो इस्तगासा प्रस्तुत किया उसमें भी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है और न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश को इतना समय बीतने के बावजुद अभी तक प्रार्थी, प्रार्थी की पत्नी व उसके गवाहान के बयान पुलिस थाना प्रतापगढ़ द्वारा लिये गये है तथा प्रार्थी की पत्नी का मेडिकल पुलिस थाना प्रतापगढ़ द्वारा नहीं करवाया गया। प्रकरण में प्रार्थी की पत्नी के सीर पर गंभीर चोट आई थी एवं अभी तक अभियुक्तगण के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है और प्रार्थी की पत्नी से जबरन राजीनामा अभियुक्त के पक्ष में पुलिस थाना प्रतापगढ़ ने करवा दिया है। ज्ञापन देने के बाद हर्षित जैन ने बताया कि प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया है कि उपरोक्त प्रकरण की जांच निष्पक्ष अधिकारी से कराई जाकर मुझ प्रार्थी की पत्नी से थाने में जबरन दबाव बनाकर जो राजीनामा निष्पादित करवाया है उसे निरस्त किये जाने का आदेश फरमावे एवं अभियुक्त को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर मुझ प्रार्थी की जान-माल की रक्षा फरमाई जावे।