15 दिन से अम्बा सचिव पंचायत से गायब, सरपंच व आमजन हो रहे परेशान, बिना काम ले रहा है तनख्वाह

नीमच। जावद जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत अम्बा में पिछले 15 दिनों से भी ज्यादा समय से पंचायत सचिव रमेशचन्द्र धाकड़ पंचायत में नहीं आ रहा है, जिससे सरपंच व आमजन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव सर पर हैं ऐसे में अकेला सरपंच केसे मतदान और अन्य व्यवस्था करेगा यह एक बड़ा सवाल बवाल बनकर खड़ा हो गया। विभाग क्यों इसकी सुध नहीं ले रहा है।
अनुमानित पंचायत सचिव को राज्य सरकार प्रतिदिन एक हजार रूपए के मान से वेतन देती है, लेकिन ऐसे कई सचिव हैं जो अपनी मनमानी से नौकरी करते हुए नजर आते है। अगर इनकी बात ना मानी जाए तो विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करना इनको अच्छे से आता है, और भ्रष्टाचार जैसे ना जाने कितने आरोप सरपंचो पर थोप दिए जाते है। ऐसे ही इस पंचायत के सचिव रमेशचन्द्र धाकड़ है जो ेकिसी भी तरह से अपनी नोकरी करे विभाग को कोई लेना देना नहीं। पंचायत क्षेत्र के निवासी की शिकायत मिलने पर इनसे बात की गई तो इनके तेवर तेज थे। इनका कहना था कि जो जानकारी या बात करनी है सीईओ से करो मेरे पास आज के बाद फोन मत लगाना। ठिक इसी के बाद सरपंच से सम्पर्क किया तो पता चला कि वो भी इससे काफी परेशान है एक तरफ तो उनका एक्सीडेंट होने के कारण स्वास्थ ठिक नहीं उपर से इस सचिव की पीड़ा सहन करनी पड़ रही है। उन्होंने बताया की जब से यह सचिव आया है बहुत परेशान कर रखा है और कहता है कि मुझे निलंबित करवा दो। बिजली विभाग का बिल बकाया था जिसका भुगतान करवाना था, क्योंकि वित्तीय वर्ष समाप्त हो रहा था और बिजली विभाग भुगतान के लिए बार-बार परेशान भी कर रहा था, जिससे मैं दोनो तरफ ये बहुत परेशान हो गया था लेकिन जैसे तेसे हाथा जोड़ी कर इस सचिव से भुगतान करवाया लेकिन अभी भी लोगो के उनके काम के लिए मुझे जवाब देना भारी पड़ रहा है। विभाग को शिकायत करने के बाद भी आज दिनांक तक किसी तरह की कोई कार्यवाही नही हुई और हमारी पंचायत को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
सचिव रमेशचन्द्र धाकड का इतने लंबे समय तक बिना अवकाश लिए पंचायत में नहीं जाना राजस्व व आमजन को नुकसान पहुंचाना है, जिसके लिए सचिव को निलंबित किया जाकर दण्डित करने की आवश्यक्ता है। सचिव ने बिना अवकाश लिए अपनी सेवाऐं नहीं दी है इसके लिए वेतन भी रोका जाना चाहिए। यहीं नहीं निलंबन काल में भी सचिव का पूरा वेतन नहीं दिया जाकर दण्डित किए जाने की आवश्यक्ता है। अम्बा पंचायत में रोजगार सहायक भी ऐसे ही राजस्व को नुकसान पहुंचा चुका है जिसकी कार्यवाही अभी तक जिला पंचायत में लम्बित है। ऐसे में सरपंच किस तरह से विकास कार्य करेगा और आमजन की समस्या को हल कर पाऐगा। अम्बा पंचायत में शासकीय कर्मवारीयों द्वारा ही राजस्व व आमजन को खुलेआम नुकसान पहुंचाया जा रहा है और विभाग है कि कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है। जनपद जावद की घाटे के उपर कहीं जानी वाली अधिकांश पंचायतों में सचिवों के लिए नियम कायदे कोई महत्व नहीं रखते। सबसे ज्यादा राजनिती का रोब दिखाने वाले सचिव भी यहां की अधिकांश पंचायतों में ही है, और भ्रष्टाचार भी यहीं ज्यादा है।
सचिव ऐसे ही लगाते है जुगाड़ . . .
पंचायतों में सचिव की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है, क्योंकि एक लम्बे समय तक अपने कार्यकाल के दौरान कई उतार चढ़ाव देखकर वह चालाकी में सरपंचों को भी पिछे छोड़ देता है अगर सरपंच उसके कब्जे में है या फिर उसके अनुसार कार्य करता है तो ठिक है, नहीं तो फि र उसको उंगली टेढी करनी आती है, और इसी कशमकश में पांच साल के सरपंच के कार्याकाल में सबसे ज्यादा समय बिना मतलब निकाल दिया जाता है। ऐसा ही कुछ अम्बा पंचायत के इस सचिव ने अपना दिमाग लगाकर यह खेल खेला है। इस पंचायत मे उसकी सांठ-गांठ नहीं बैठी तो उसने दुसरी पंचायत में जाने के लिए अपनी गैरमोजूदगी का खेल रच दिया जिससे कि सरपंच और आमजन इसकी शिकायत करेंं और यह निलम्बित हो जाए या जनपद मे अटैच कर दिया जाए। क्योंकि विभाग की लापरवाही ने इनके होंसले बुलन्द कर रखे है, अगर इस सचिव का निलम्बन या जनपद में अटैच करने की जगह अनुपस्थिति की स्थिती में तनख्वाह काटी जाकर नियमित उपस्थिती के साक्ष्य व्यवस्था लागू करने जैसी कार्यवाही कि जाए तभी यह जुगाड लगाना बंद कर सकते है, क्योंकि किसी भी सुरत यह बहाल होने के बाद पूरा वेतन प्राप्त कर ही लेते है, इसलिए ऐसे कई सचिव है जो ऐसे खेल में महारत रखते है।
ऐसे सचिव जो नियमित रूप से पंचायतों में उपस्थित नहीं होते और जनपद में मीटिंगों के नाम से अपने निजी कार्य करते है, या फिर अन्य तरह-तरह के बहाने बना कर पंचायतों में नहीं आते है इनकी गोपनीय जांच कि जा कर वेतन कटौती कि जानी चाहिए। कई सचिव तो ऐसे है जिनके पास अपनी पंचायत के अलावा अन्य पंचायत का भी प्रभार है ऐसे कई सचिव अलग-अलग पंचायतों का नाम लेते है लेकिन उपस्थित कहीं पर भी नहीं होते है। ऐसे पद का दुरूपयोग करने वाले सचिवों के लिए बाध्यता आवश्यक है साथ अनुपस्थिती में वेतन काटना उचित है।
पहले भी उक्त सचिव की शिकायत प्राप्त हुई है जिस पर सचिव को पाबंद किया गया था, लेकिन आपसे पता चला है कि १५ दिनों से पंचायत में अनउपस्थित है तो यह चुनावा के समय में घोर लापरवाही है। तत्काल पीसीओ से जांच करवा कर नियामानुसार कठोर कार्यवाही कि जाएगी। ऐसी मनमानी किसी कि भी नहीं चलेगी जिससे आमजन व शासन को हानी वहन करना पड़े। मैने भी देखा है कि यहां पर सचिव अपने हित के लिए ऐसा ही करते है लेकिन आप निश्चिंत रहे इस बार ऐसी कार्यवाही कि जाएगी जिससे आमजन में हमारे प्रति विश्वास कायम होगा।
आकाश धर्वे
सीईओ, जनपद जावद
आप मुझसे पुछने वाले होते कौन हो, और जिसको जो करना है वो कर ले। मेरे पास फ ोन लगाने की जरूरत नहीं है, जो भी जवाब या जानकारी लेना है तो सीईओ सहाब से लो उन्हीं को फ ोन करो। रही बात तनख्वाह की तो सरपंच और सीईओ सहाब को भी शासन तनख्वाह देता है तो उन्हीं से सवाल जवाब करो मुझे फोन करने की जरूरत नहीं है और जो करना है कर लो। जाओ करवा दो ससपेंड इससे ज्यादा कर भी क्या सकते है सीईओ सहाब, मैं किसी से नहीं डरता।
रमेशचन्द्र धाकड़
सचिव, ग्राम पंचायत अम्बा
मैं इस सचिव से परेशान हो गया हूँ। मेरा फन भी नहीं उठाता है और पंचायत में भी कभी-कभी आता है इस बार तो लगभग 15दिन से ज्यादा हो गए है उसको पंचातत में आए हुए। इससे पंचायत में होने वाले काम अटके पड़े है और छोटे-छोटे कामों के लिए लोगो परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जनपद में शिकायत भी की लेकिन कोई फयदा नहीं हुआ।
कमलेश मुलचन्द
सरपंच ग्राम पंचायत अम्बा