बहु चर्चित करोड़ो रुपयों की शासकीय भूमि के अवैध नामांतरण को खारिज कर निर्माण कार्य रोकने पार्षदों और नागरिकों ने सीएमओ को दिया आवेदन।
सिंगोली।नवीन बस स्टेण्ड स्थित करोड़ों रुपयों की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 439/1 पर अवैध निर्माण रोकने और नामांतरण खारिज करने को लेकर नागरिकों और पार्षदों ने नगर परिषद सीएमओ को आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की है। आवेदन में बताया गया कि मृतक महावीर कुमार पिता पाथूलाल जैन निवासी ग्राम डाबी तह० व जिला बूंदी राजस्थान का नामान्तरण नगर परिषद् सिंगोली द्वारा श्रीमति केसर बाई बेवा पाथू लाल जैन का नवीन बस स्टेण्ड स्थित विवादित शासकीय भूमि सर्वे के 439/1 पर स्वीकृत किया गया है जो कि पूर्णतया नियम विरुद्ध होकर निरस्त करने योग्य है। उक्त भूमि के संबंध में मृतक महावीर कुमार पिता पाथूलाल जैन द्वारा व्यवहार न्यायालय जावद के समक्ष स्वामित्व और कब्जे को लेकर सिविल वाद दायर किया था जो कि न्यायालय के प्र०-630/09 पर संस्थित हुआ जिस पर व्यवहार न्यायालय द्वारा समक्ष में सुने आवेदक महावीर कुमार जैन के पक्ष में स्थाई निषेधाज्ञा जारी की गई। मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थाई निषेधाज्ञा बाबत अपील न्यायालय में की गई जिसका अपील कं-06/2010 पर अंकित हुआ जहां उभयपक्षों की सुनने के बाद अपीलीय न्यायालय द्वारा दिनांक 26.03.2010 को अपील स्वीकार करते हुए व्यवहार न्यायालय जावद द्वारा जारी की गई स्थाई निषेधाज्ञा को निरस्त किया गया।
प्रकरण में अंतिम निर्णय दिनांक 25.06.2014 के साथ भूमि सर्वे के 439/1 रकबा 0.026 हे० को शासकीय घोषित किया गया। साथ ही महावीर कुमार पिता पाथुलाल जैन का स्वत्व भी नही माना। इसी प्रकार मृतक महावीर कुमार पिता पाथूलाल जैन द्वारा और भी अन्य अपील की गई जो कि निरस्त हुई फिर भी नगर परिषद् सिंगोली द्वारा कूटरचित दस्तावेज के आधार पर मृतक नामान्तरण स्वीकृत किया गया है जो कि अवैध व प्रभावहीन है यह जानते हुए भी परिषद द्वारा अवैध दस्तावेजो के आधार निर्माण स्वीकृति प्रदान की गई जो कि जांच का विषय है। वर्तमान में उक्त शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, उक्त निर्माण कार्य को बंद करते हुए उक्त नामान्तरण को व नगर परिषद् सिंगोली द्वारा निर्माण अनुमति को निरस्त किया जाये। अगर निर्माण अनुमति व नामान्तरण निरस्त नही किया जाता है तो न्यायालयीन कार्यवाही की जायेगी जिसकी समस्त जवाबदेही मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिंगोली की होगी जिसका समस्त खर्चा भी आपको वहन करना होगा। उक्त भूमि म०प्र० शासन आबादी शासकीय होकर मात्र कर निर्धारण एवं वसुली के लिए अनोपचारिक दस्तावेज कूटरचित किये गए जो कि पूरी तरह से अवैध है। अतः नामान्तरण एवं निर्माण अनुमति निरस्त की जावे।
नगर परिषद उपाध्यक्ष मोतीलाल धाकड़, पार्षद सुनील सोनी, पार्षद पारी बाई, पार्षद जीवन बलाई, पार्षद संतोष बाई सहित अन्य पार्षदों और नागरिकों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया।