Gold Price News: जिस बात का डर था वो हो गई- सोने में शुरू हुई भारी बिकवाली!
Gold Price News:Spot gold 3% टूटकर $3,281.6 प्रति औंस पर आ गया, जबकि U.S. gold futures 3.7% की गिरावट के साथ $3,294.10 पर बंद हुआ. यह गिरावट एक दिन पहले के $3,500.05 के रिकॉर्ड उच्च स्तर के बाद आई है.

हिंदी में एक कहावत है ‘हाथ को आया मुँह ना लगा’. आज जो सोने के हालात हैं उसे देखते हुए ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती है. सोना 7 घोड़ों के रथ पर बैठकर चले जा रहा था. रफ़्तार तो तेज थी जो अप्रैल में और भी बढ़ गई. 2025 की शुरुआत से लेकर अब तक सोने की कीमतों $900 की तेजी आ चुकी है. वहीं इस $900 में से $500 दाम तो सिर्फ अप्रैल में बढ़े हैं. जिस रफ़्तार से सोने के दाम चढ़ रहे थे बाज़ार को लग रहा था कि पलक झपकते ही 1 लाख रुपये के आंकड़े को भी छू लेगा.
गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली. Spot gold 3% टूटकर $3,281.6 प्रति औंस पर आ गया, जबकि U.S. gold futures 3.7% की गिरावट के साथ $3,294.10 पर बंद हुआ. यह गिरावट एक दिन पहले के $3,500.05 के रिकॉर्ड उच्च स्तर के बाद आई है. एक्सपर्ट्स का कहना है किअगर अमेरिकी डॉलर मजबूत रहता है और ट्रंप की तरफ से कोई नया टैरिफ शॉक नहीं आता, तो सोने में और करेक्शन संभव है. लेकिन अगर वैश्विक स्तर पर फिर कोई अनिश्चितता बढ़ती है, तो सोने को दोबारा समर्थन मिल सकता है।
लेकिन भगवान को शायद कुछ और ही मंजूर था, ऐसा हो न पाया. 1 लाख रुपये से महज़ कुछ सौ रुपये दूर से सोने की कीमतों ने यू-टर्न ले लिया. दाम गिरने लगे. हलांकि बाज़ार में अब भी लोग मान रहे हैं कि ये गिरावट तो सिर्फ झांकी है, असली तेजी आनी तो अभी बाकी है.
लेकिन तेजी आए उससे पहले ये जान लेना जरूरी है कि सोना गिरा क्यों? तो आपको बता दें कि सोने को चढ़ाने वाले भी ट्रंप थे और गिराने वाले भी. क्या करें, उन्हें खबरों में रहने की आदत जो हो गई है.
कभी कुछ कहते तो सोना चढ़ जाता है, फिर कहते हैं कि नहीं नहीं लोगों ने ग़लत समझा, उनका वो इरादा तो था ही नहीं, तो सोना गिर जाता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ.
क्यों आई सोने में गिरावट-पहले तो ट्रंप ने अमेरिकी फेड के प्रमुख जेरोम पॉवेल पर निशाना साधा. कहां कि आज जो अमेरिका के हालात हैं उसके लिए कोई और नहीं पॉवेल ज़िम्मेदार हैं. वो दरें घटा ही नहीं रहे हैं. फिर आगे कहा कि अगर दरें जल्द न घटीं तो अमेरिका मंदी की चपेट में आ जाएगा. ट्रंप ने ये आरोप भी लगाया कि पॉवेल ने अमेरिका के तत्कालीन पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए ब्याज दरों में कटौती की थी लेकिन वो उनके लिए नहीं कर रहे हैं. और भी काफी भला बुरा कहा. कहा कि अगर वो बोलेंगे तो पॉवेल को पद से हटना ही पड़ेगा. हलांकि ये बात और है कि उनके पास ऐसे कोई अधिकार हैं नहीं.
लिहाजा ट्रंप यहीं नहीं रुके, कोर्ट पहुँच गए. बोले कि उन्हें फेड प्रमुख को हटाने का अधिकार मिले. अगर ये नहीं तो कम से कम मेंबर्स को हटाने का अधिकार तो मिलना ही चाहिए. बिने उसके काम नहीं चलेगा. कोर्ट ने इनकार कर दिया. बोला कि ऐसा संभव ही नहीं हैं. कोई प्रावधान ही नहीं है तो अधिकार कैसे मिले. फिर क्या था बाज़ार में इस बात को लेकर डर फैल गया कि ट्रंप पॉवेल को हटाने पर आमादा हैं और उन्हें हटा कर ही मानेंगे. डॉलर भी गोते खाने लगा. 3 सालों के निचले स्तरों पर पहुँच गया. सोना इस सब का सहारा लेकर रॉकेट बन गया. रफ्तान इतनी तेज की थी लगा 1 लाख रुपये के पार ही निकल जाएगा.
लेकिन अभी एक ही दिन बीता था कि ट्रंप मुस्कुराते हुए नज़र आए. पॉवेल पर उन्होंने जो भी कुछ बोला उससे सिरे से पल्ला झाड़ लिया. कहा उनका पॉवेल को हटाने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कभी ऐसा कहा ही नहीं. वो भला ऐसा क्यों करने लगे. सब मीडिया की देन है. उसी ने उनकी बातों को तोड़ मरोड़ कर लोगों के साने पेश किया. जिससे लोगों को लगने लगा कि वो पॉवेल को हटाने चाहते हैं. जबकि ऐसा कुछ है ही नहीं. वो तो बस इतना चाहते हैं कि फेड ब्याज दरों में कटौती करे, जो जरूरी भी है, और कुछ नहीं.
ट्रंप के इस बयान ने सोने की तेजी को तो रोक दिया लेकिन उसकी रफ़्तार को जिसने धीमा किया वो ट्रंप नहीं बल्की उनके ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट थे. बेसेंट के चीन पर दिये बयान ने बाज़ार को राहत की साँस दी जिसने सोने की लगाम को खींचने का काम किया. बेसेंट. बोले चीन के साथ जो अभी टैरिफ़ विवाद चल रहा है वो ज्यादा दिनों तक जारी नहीं रहेगा. ऐसा उन्हें लगता है. आगे कहा कि चीन के साथ ये जारी विवाद जल्द सुलझ जाएगा. हलांकि अभी दोनों देशों के बीच बातचीत शुरु नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है जल्द शुरु हो ही जाएगी. आपको बता दें कि ट्रंप भी मान चुके हैं कि चीन पर टैरिफ़ की दर कुछ ज्यादा है जो ज्यादा दिनों तक टिकेगी नहीं.
$4000-4500 का होगा सोना-ये तो बात रही सोने की तेजी और फिर गिरावट की. लेकिन बाज़ार में दिग्गज मान रहे हैं कि सोने का आगे भविष्य सुनहरा है भले ही अभी गिरावट आई हो. जेपी मॉर्गेन और गोल्डमैन सैक्स दोनों की आगे सोने का भविष्य उज्जवल देख रहे हैं. जेपी मॉर्गेन को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक सोने का औसत भाव $3675 प्रति औंस रह सकता है. वहीं मज़बूत माँग और ग्लोबल सेंट्रल बैंकों की ख़रीद से सोना जल्द ही $4000 तक भी पहुँच सकता है.
वहीं गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि 2025 में सोना $3700 प्रति औंस तक पहुँच सकता है और अगले साल यानी 2026 तक $4500 का भी हो जाएगा.
क्यों $4000-4500 का होगा सोना-लेकिन सवाल ये है कि आख़िर इन एजेंसियों को ऐसा क्या दिख रहा है जो वो सोने को लेकर इतने बुलिश हैं. चलिए समझते हैं. जेपी मॉर्गन के मुताबिक़ सोने की मज़बूत माँग ही उसके तेजी का सबसे बड़ा कारण है. अनिश्चितताओं के चलते ग्लोबल सेंट्रल बैंक जम कर सोना ख़रीद रह हैं. अनुमान लगाया जा रही है कि इस साल हर तिमाही ये ख़रीद 710 टन की हो सकती है. आपको अगर ये आंकड़ा कम लग रहा है तो बता दें कि भारत में सालाना 700-800 टन सोने की खपत होती है. यानी जितना सोना भारत पूरे साल में खरीदता है उतना सोना ग्लोबल सेंट्रल बैंक मिलकर एक तिमाही में ही ख़रीद सकते हैं. इसके अलावा सोने में लोगों का निवेश भी लगाता बढ़ रहा है. सोने को आसमान पर चढ़ाने के पीछे ये भी एक बड़ा कारण है.
हलांकि जेपी मॉर्गन ये भी आशंका जता रही है कि अगर अमेरिका में महंगाई घटी, सेंट्रल बैंकों की ख़रीद घटी, टैरिफ़ वॉर खत्म हुआ और न हुआ तो कम से कम ठंडा पड़ा तो सोने की कीमतों में गिरावट आ सकती है.