प्रतापगढ़

डेंटल क्लीनिक का निरीक्षण, दस्तावेज नहीं दिखा पाए क्लीनिक संचालक

डेंटल क्लीनिक का निरीक्षण, दस्तावेज नहीं दिखा पाए क्लीनिक संचालक
दस्तावेज और डिग्री प्रस्तुत नहीं करने पर क्लीनिक को बंद करने के निर्देश

प्रतापगढ़। बिना पंजीयन और वैध दस्तावेजों के इलाज की गारंटी लेने वाले कथित क्लीनिक संचालकों के खिलाफ गुरूवार को फिर अभियान चलाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ जीवराज मीणा ने टीम के साथ शहर के झण्डा गली स्थित कलार्थी डेंटल क्लीनिक का निरीक्षण किया। इससे क्लीनिक संचालकों के हाथ-पैर फूल गए। सीएमएचओ ने मौके पर क्लीनिक और डिग्री के संबंध में संचालक से दस्तावेज की मांग की। जिसको संचालक दिखा नहीं सका। जबकि क्लीनिक पर रोगियों के आने का सिलसिला जारी था। निरीक्षण के दौरान क्लीनिक संचालक के पास कई प्रकार की दवाईयां, चिकित्सकीय उपकरण थे। इसी के साथ केंद्र पर डेंटल एक्सरे करने के लिए एक्सरे मशीन भी थी। जिसके दस्तावेज भी संचालक नहीं दिखा सकें। वहीं प्रैक्टीस के लिए डिग्री और पंजीयन भी मौजूद नहीं था। जबकि क्लीनिक की दीवारों पर डाॅ के के खजवाणियां डाॅ निवेद सोनी (बीएससी, बीडीएस ओेरल एवं डेंटल सर्जन) के नाम का बोेर्ड लगा रखा था। इस पर मौके पर क्लीनिक संचालक को क्लीनिक बंद करने एवं दस्तावेज के साथ कार्यालय में तलब किया गया।

  • मनचाही संतान की गारंटी सिर्फ 300 रूपए में।
    निरीक्षण के अवसर पर क्लीनिक पर कई प्रकार के दावों से इलाज की गारंटी दी जा रही थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ जीवराज मीणा ने निरीक्षण के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए प्रिंटिंग मैटेरियल की जांच की। इस दौरान कागजों पर मनचाही संतान की गारंटी सिर्फ 300 रूपए का प्रचार होना पाया गया। उन्होंने जब इस संबंध में क्लीनिक संचालक से डिग्री और दस्तावेज के साथ चिकित्सकीय भाषा में बात की तो संचालक ने इसे भगवान के द्वारा दिया गया विशेष विद्या से इलाज किया जाना बताया। क्लीनिक संचालक के खिलाफ मनचाही संतान के संबंध में प्रचार प्रसार पीसीपीएनडीटी एक्ट के दायरे में आती है। इस पर संचालक ने मैटैरियल को तुरंत हटा लिया।

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