मनरेगा में लापरवाही: 10 सचिव व 8 सहायक सचिवों को वेतन कटौती और वेतन वृद्धि शास्ति से दंडित Excellent action
वित्तीय वर्ष 24-25 में तीन माह बीत जाने के बाद भी प्रगति न्यूनतम होने पर किया दंडित

मनरेगा में लापरवाही: 10 सचिव व 8 सहायक सचिवों को वेतन कटौती और वेतन वृद्धि शास्ति से दंडित
नीमच।मनरेगा में लापरवाही: 10 सचिव व 8 सहायक सचिवों को वेतन कटौती और वेतन वृद्धि शास्ति से दंडित
जिले की पंचायतों में सचिव व रोजगार सहायकों द्वारा अपनी मनमानी और लापरवाही के कारण विभागीय रैंकिंग में नीमच जिला बी श्रेणी में आया है। इसीलिए जिले की तीनों जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली 10 ग्राम पंचायतों के सचिव व 8 रोजगार सहायकों को वेतन वृद्धि और वेतन काटे जाने वाली शास्ति से दंडित किया गया है।
समय-समय पर पंचायतों की सेक्टर मीटिंग की जाती है, जनपद पंचायत व जिला पंचायत द्वारा प्रदेश की समस्त योजनाएं व निर्धारित लक्ष्यों को धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए समीक्षा बैठकों में लक्ष्यपूर्ति के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन इन सचिवों व रोजगार सहायकों पर अपनी ही मनमानी करने का जुनून सवार है। वहीं विभाग भी सख्ती से काम लेने को तैयार नहीं है।
18 जुलाई 2024 को जिला पंचायत नीमच ने अपने आदेश में बताया कि तीनों जनपद से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार 10 ग्राम पंचायत में मनरेगा के लक्ष्य पूर्ण नहीं किए गए हैं। जिसमें दो पंचायतों में रोजगार सहायक उपलब्ध नहीं है, व 1 ग्राम पंचायत में महिला रोजगार सहायक है।
आदेश में बताया गया है, कि मनरेगा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लेबर बजट अनुसार मानव दिवस लक्ष्य के विरुद्ध एवं महिला एससी/ एसटी श्रमिक को जारी जॉब कार्ड के प्रतिशत के विरुद्ध नियोजन वित्तीय वर्ष में 3 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी प्रगति न्यूनतम रही है।
इसके लिए विभाग ने ग्राम पंचायत के सचिव व रोजगार सहायकों को अपने पदेन कर्तव्यों में रुचि नहीं लिया जाना मानते हुए दोषी माना है, जिसके चलते विभागीय रैंकिंग में नीमच जिला ‘B’ श्रेणी में आया है।
विभाग द्वारा आयोजित समीक्षा बैठकों में समय-समय पर लक्ष्य पूर्ति के लिए कई बार निर्देशित किए जाने के बाद भी इनके प्रगति में सुधार नहीं आया। इस कथन से इनकार नहीं किया जा सकता है, कि शासन की योजनाएं और आदेशों की पालन करने में इनकी कोई रुचि नहीं है।
जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों में सरपंच, सचिव व रोजगार सहायकों द्वारा नियम और आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए बेखौफ कई ऐसे काम किए जा रहे हैं जो असंवैधानिक। इसका सबसे बड़ा कारण विभागीय कार्रवाई में लापरवाही बरतना है।
इनको किया गया है दंडित
जनपद जावद की ग्राम पंचायते
1. दडौली
सचिव – नोंदराम पाटीदार
रोजगार सहायक – मुकेश खींची
2. दौलतपुर जाट
सचिव – घनश्याम धाकड़
रोजगार सहायक – डालचंद धाकड़
3. दामोदरपुरा
सचिव – घनश्याम जायसवाल
रोजगार सहायक – कोई नहीं
जनपद मनसा की पंचायतें
1. भगोरी
सचिव – विद्यानंद पाटीदार
रोजगार सहायक – प्रकाश गंधर्व
2. देंथल
सचिव – घनश्याम रावत
रोजगार सहायक – मन्नालाल पुरोहित
3. सांकरियाखेड़ी
सचिव – भूपेंद्र सिंह चंद्रावत
रोजगार सहायक – विनोद राठौड़
4. चुकनी
सचिव – श्यामलाल सूर्यवंशी
रोजगार सहायक – रमेश पाटीदार
जनपद नीमच की पंचायतें
1. पिपलोन
सचिव – राजेंद्र नागर
रोजगार सहायक – राजेश बैरागी
2. कोठडी ईस्तमुरार
सचिव – कारूलाल परमार
रोजगार सहायक – कोई नहीं
3. बोरखेड़ी पानड़ी
सचिव – कमल सिंह तंवर
रोजगार सहायक – सपना नागदा
इन सभी ग्राम पंचायत के सचिवों को अपने पदेन कर्तव्यों में रुचि नहीं रखते हुए घोर लापरवाही बरतने एवं इसी कारण से विभागीय रैंकिंग में नीमच जिले को ‘B’ श्रेणी में आने का दोषी मानते हुए मध्य प्रदेश पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के भाग 3 अंतर्गत आगामी एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति से दंडित किया गया है, एवं संबंधित ग्राम पंचायत के रोजगार सहायकों को 5-5 दिन के वेतन कटौती किए जाने के दंड से दंडित किया गया है।
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Negligence in MGNREGA: 10 Secretaries, 8 Assistant Secretaries penalised with pay cut, increment
Neemuch Negligence in MGNREGA: 10 Secretaries, 8 Assistant Secretaries penalised with pay cut, increment
Neemuch district has come in the B category in the departmental ranking due to its arbitrariness and negligence by the secretaries and employment assistants in the panchayats of the district. Therefore, the secretaries and 8 employment assistants of 10 gram panchayats under the three Janpad Panchayats of the district have been punished with a salary increase and salary deduction penalty.
From time to time, sector meetings of panchayats are held, instructions are given by the Janpad Panchayat and District Panchayat to implement all the schemes and set targets of the state on the ground, but these secretaries and employment assistants are obsessed with doing their own arbitrariness. At the same time, the department is not ready to take strict action.
On 18th July 2024, District Panchayat Neemuch in its order informed that as per the reports received from all the three districts, the targets of MGNREGA have not been met in 10 Gram Panchayats. In two panchayats, there is no employment assistant, and in 1 gram panchayat there is a female employment assistant.
It has been pointed out in the order that under the MGNREGA scheme, in the financial year 2024-25, against the target of man-days as per the labour budget and against the percentage of job cards issued to women SC / ST workers, the progress has been minimal even after the lapse of 3 months in the employment financial year.
For this, the department has considered the secretary and employment assistants of the gram panchayat guilty of not taking interest in their official duties, due to which Neemuch district has come in the ‘B’ category in the departmental ranking.
In the review meetings held by the department, despite being directed several times from time to time to meet the target, there was no improvement in their progress. There is no denying the statement that they are not interested in following the schemes and orders of the government.
In most of the Gram Panchayats of the district, many such works are being done by the Sarpanch, Secretary and Employment Assistants defying the rules and orders which are unconstitutional. The main reason for this is the inefficiency of the department.
They have been punished.
Gram Panchayats of Janpad Javad 1. Dhauli Secretary – Nondram Patidar Employment Assistant – Mukesh Khinchi 2. Daulatpur Jat Secretary – Ghanshyam Dhakad Employment Assistant – Dalchand Dhakad 3. Damodarpura Secretary – Ghanshyam Jaiswal Employment Assistant – None
Panchayats of District Mansa 1. Bhagori Secretary – Vidyanand Patidar Employment Assistant – Prakash Gandharva 2. Denthal Secretary – Ghanshyam Rawat Employment Assistant – Mannalal Purohit 3. Sankariakhedi Secretary – Bhupendra Singh Chandrawat Employment Assistant – Vinod Rathod 4. Chukni Secretary – Shyamlal Suryavanshi Employment Assistant – Ramesh Patidar
Panchayats of District Neemuch 1. Piplon Secretary-Rajendra Nagar Employment Assistant-Rajesh Bairagi 2. Kothadi Istamurar Secretary-Karulal Parmar Employment Assistant-None 3. Borkhedi Panadi Secretary-Kamal Singh Tanwar Employment Assistant-Sapna Nagda
The Secretaries of all these Gram Panchayats have been punished under Part III of the Madhya Pradesh Panchayat Service (Discipline and Appeal) Rules, 1999, for gross negligence in disinterest in their official duties and for this reason, Nimach district has been found to be in category ‘B’ in the departmental ranking.
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ग्राम पंचायत मोरवन में नियम विरूद्ध खरीदी व भुगतान, खरीदी में भण्डार नियम का पालन नहीं, प्रस्ताव में भी संदेह
ग्राम पंचायत मोरवन …. सिलीकॉन कम्पयूटर फर्म नीमच को 3.5 लाख, राजकुमार बावल जूनी को 6 लाख, तो सरपंच पति पृथ्विराज को 70 हज़ार के भुगतान नियमों के विरूद्ध,5 हज़ार का पानी पी गई पंचायत, साफ-सफाई स्वच्छता पर भी हज़ारो के भुगतान, बिना स्वीकृति 80 हज़ार की लटकाई लाईट
नीमच। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग बार-बार प्रदेश की पंचायतों को विकास कार्य में होने वाली खरीदी एवं भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए भण्डार क्रय नियम की पालना करने की हिदायत दे रहा है, लेकिन सरपंच-सचिव नियमों को ताक पर रख अपनी मनमानी से काम कर रहें हैं, इनके लिए नियम, कायदे, कानून और आदेश कोई मायने नहीं रख रहें है। (लापरवाही)
वैसे तो नीमच जिले की अधिकांश सरपंच-सचिव भण्डार नियम का पालन नहीं कर जमकर अपने चहेतोंं के साथ मिलकर चांदी काट रहें है, वहीं पंचायती राज नियमों को भी छन्नी कर रहें है। जनपद पंचायत जावद अन्तर्गत ग्राम पंचायत मोरवन ने भी नियम कायदों के विरूद्ध खरीदी व भुगतान को अंजाम दिया है।
मोरवन पंचायत में अगस्त 2022 से लेकर जुलाई 2024 तक किए गए भुगतान स्पष्ट सरपंच-सचिव की मनमानी को दर्शा रहे है। पंचायत की पीआरडी पोर्टल और ई-ग्राम स्वराज पर किए गए भुगतान पर नजर डाली गई तो सारी तस्वीर साफ होती चली गई। (लापरवाही)
पंचायत द्वारा अधिकांश वेंडरों का भुगतान पीआरडी पोर्टल पर पाँचवा वित्त से व्हाउचर अपलोक कर किए गए है, जबकि आमजन और पंचायत में पादर्शिता लाने के लिए यह व्यवस्था लागू कि गई थी, कि पीआरडी पोर्टल पर बिल अपलोड़ करना आवश्यक है, लेकिन आमजन के सामने भेद ना खुल जाए कि किस किमत पर किससे क्या सामग्री क्रय की गई, या फिर सेवाऐं ली गई है, इसलिए व्हाउचर पैमेंट इस संदेह को स्पष्ट करता है, कि भ्रष्टाचार की नियत से ऐसा किया गया है।
वहीं पन्द्रह वित्त में हर माह लाख नहीं लाखों के भुगतान किए गए हैं, जिसमें एक ही फर्म को एक लाख से उपर का भुगतान एक ही व्हाउचर पर किया गया है। पन्द्रह वित्त में सबसे बड़ा भुगतान एक माह में सात लाख से उपर का किया गया है। जिन फर्मो को यह भुगतान सामग्री क्रय करने अथवा सेवा लेने के लिए किए गए है, उनसे भण्डार क्रय नियम अन्तर्गत समाचार पत्र में निविदा आमंत्रित कर कोटेशन ली गई है, या फिर अपने निजी हित के लिए बंदरबांट कर दी गई।
पंचायत द्वारा नीमच की सिलीकॉन कम्पयूटर फर्म को डेढ़ साल में 3 लाख 49 हजार का भुगतान किया गया है। बिना किसी विभागीय आदेश, बिना तकनीकी स्वीकृती, बिना प्रस्ताव लिए व बिना भण्डार नियम की पालना किए 22 जुन 2024 को पंचायत ने सीसीटीवी कैमरे की खरीदी भी सिलीकॉन फर्म से 1 लाख 23 हजार 130 रू. कि की है, जिसका भुगतान भी पीआरडी पोर्टल पर व्हाउचर अपलोड़ कर किया गया है। (लापरवाही)
बावल जूनी के वेंडर राजकुमार प्रभुलाल धाकड़ विक्रता आईडी 2145560 को तकरीबन 6 लाख के भुगतान किए गए है, जिसमें टेन्ट, निर्माण सामग्री, पम्प संधारण, पेयजल संधारण इत्यादि योजना में व्हाउचर पर भुगतान हुए है।
नीमच आर्ट को 49200 को अन्य सामग्री क्रय करने का भुगतान व्हाउचर पर, निर्वाचन में 5070 रू. पीने के पानी केम्पर का भुगतान व्हाउचर पर, श्रीनाथ टेन्ट हाउस पंकज धाकड़ को 59600 का भुगतान व साफ-सफाई स्वच्छता पर भी पन्द्रह वित्त में मनमानी तरीके से भुगतान किए गए है।
पन्द्रह वित्त में भी सरपंच-सचिव द्वारा मनमानी तरीके से भुगतान कर वित्तीय अनियमितता कि गई है, जिसमें लक्की जैन को 59450 रू., यश कन्स्ट्रक्शन को 92995 रू का भुगतान व्हाउचर पर, लेकिन विवरण नहीं दिया गया की किस कार्य या योजना के लिए भुगतान किया गया है, इसकी भी गहनता के साथ जांच होनी चाहिए।
(लापरवाही)
सरपंच पति पृथ्वीराज पिता बगदीराम भील को पंचायत ने अलग-अलग खर्चे बताकर व्हाउचर पर तकरीबन 70050 रू. के अभी तक भुगतान कर दिए है। सरपंच पति को किस नियम के तहत पंचायत ने भुगतान किए है, यह एक बहुत बड़ा नियमों के विरूद्ध भुगतान कर वित्तीय अनियमितता का मामला है।
पन्द्रह वित्त में जैन इलेक्ट्रिक को स्ट्रीट लाईट के 80000 रू. का भुगतान, यश कंस्ट्रेक्शन को पेयजल पाईप लाईन विस्तार का एक मुश्त 109504 रू. का भुगतान किया गया है। इन कार्यो को प्रस्ताव व शासकीय-तकनीकी स्वीकृति लेकर किया गया है, या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन होना चाहिए।
5 लाख 2 हजार 784 रू. के सोलर पैनल हेड अग्रवाल इन्टरप्राईजेस से पन्द्रह वित्त में भण्डार नियम के विरूद्ध क्रय किए गए। जिसका भुगतान दिनांक 10/02/2024 को १ लाख व दुसरा 28/02/2024 को 4 लाख 2 हजार 784 रू का किया गया। 5 लाख से उपर की खरीदी भी पंचायत ने शासन के आंखों मे धुल झोंक कर की है। (लापरवाही)
पशु होदी निर्माण व रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्य के लिए गुलाब ईंट उद्योग ग्वालटोली नीमच से 41250 की सामग्री क्या खरीदी गई, जो मोरवन में उपलब्ध नहीं थी। पन्द्रह वित्त में 20200 रू. का सरपंच पति पृथ्वीराज को शिवम गोपाल धाकड़ के नाम से भुगतान किया गया। जैन ऑटो पार्टस शांतीलाल जैन को 32770 रू. का भुगतान बिना विवरण बताए किया गया।
सफाई कर्मी रवी राठौड़ को वेतन देने के चार दिन बाद 35000 रू. और सफाई कर्मी पंकज राठौड़ को भी ठिक इसी तरह वेतन प्राप्ती के चार दिन बाद 30000 रू. का भुगतान वेतन के अतिरिक्त किया गया है, जिसकी जांच गहनता से कि जाना चाहिए। सफाई कर्मीयों को चार दिन पहले वेतन दिया गया है, तो फिर यह राशि किस कार्य की दी गई है, या फिर खुला भ्रष्टाचार हुआ है। (लापरवाही)
मोरवन पंचायत में विकास कार्यो में गुणवत्ता से समझौता कर निर्माण किए गए है। एजेंसी स्वंय पंचायत है, लेकिन चहेतों को बाले-बाले काम दिया जाकर नियमों के विरूद्ध काम करवाए जा रहे है। बताया जा रहा है कि एसटी महिला सरपंच होने से सचिव स्थानीय राजनैतिक प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मनमाने ढंग से वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम दे रहें है।
भण्डार क्रय नियम के भाग-1 के बिन्दु 2 प्रभावशीलता में मध्यप्रदेश शासन के समस्त विभागों के साथ यह नियम पंचायतों पर भी प्रभावशील होने का उल्लेख किया गया है।
बिन्दु 4 क्रय के मूल सिद्धांत में लोक हित में क्रय हेतु सक्षम प्रधिकारी की यह जिम्मेदारी और जवाबदेही होगी कि वह क्रय से संबंधित प्रकरणों में कार्यकुशलता, समयबद्धता, मितव्ययिता, पारदर्शिता, गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रदेश के सूक्ष्म तथा लद्यु उद्योगों को बढ़ावा देते हुए समस्त आपूर्तिकर्ताओं के साथ उचित और समान व्यवहार रखे। (लापरवाही)
मोरवन पंचायत ने जानते हुए भी इस नियम का पालन नहीं किया। पंचायती राज अधिकारीयों ने भी भण्डार नियम की पालना करवाने में सुस्ती बरती है। देखा गया है, कि कुछ सामग्री खरीदी तो अधिकारीयोंं के मौखिक आदेश के आधार पर ही हो जाती है, तो फि र नियमों का पालन कैसे होगा। (लापरवाही)
बहरहाल मोरवन ग्राम पंचायत की गहनता के साथ जांच करवाने की आवश्यक्ता है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता, समग्री का मूल्य के आधार पर गुणवत्ता, समग्री क्रय में नियम की पालना, पीआरडी पोर्टल पर बिल अपलोड़ करने की जगह व्हाउचर अपलोड़ करना, अन्य सामग्री क्रय करना,
पम्प एवं जल संधारण में सामग्री क्रय करना एक ही फर्म से लाखों की बिना भण्डार नियम के खरीदी करना, सामग्री क्रय एवं सेवाऐं लेने के साथ-साथ सभी का भौतिक सत्यापन की गहनता जांच की जाकर पंचायती राज अधिनियम में जिम्मेदारों पर कार्यवाही कि जानी चाहिए। (लापरवाही)
मोरवन पंचायत की अभी तक किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। वित्तीय अनियमितता 1 रू. की हो या 100 रू. की अनियमितता ही रहेगी। भण्डार क्रय नियम का पालन करना मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार सामग्री क्रय एवं सेवा उपार्जन के लिए अनिवार्य है, और इसका पालन सभी पंचायतों को करना चाहिए। (लापरवाही)
हाल ही में मध्यप्रदेश शासन के आदेश की परिपालना में जिला पंचायत नीमच ने मनरेगा में भी भण्डार नियम की पालना करने व करवाने के आदेश दिए है, तो इस पर सख्ती से सभी को पालन करने के निर्देश हमारे द्वारा दे दिए गए है। रही बात मोरवन पंचायत की अनियमितता की जैसा आपने बताया है, तो इस पर त्वरित जांच करवा कर अनियमितता पाए जाती है, तो पंचायती राज अधिनियम मे कार्रवाई जरूर की जाएगी।
आकाश धार्वे
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद जावद
कचरा वाहन खरीदी में समाचार पत्र में निविदा आमंत्रित की गई थी। सीसीटीवी कैमरे एसपी सहाब ने मिशन आई के लिए कहा है, इसलिए लगवाए गए हैं, इसके कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुए है, और आप कहना क्या चाहतें है, मैं अभी सेक्टर मीटिंग में व्यस्त हूँ आपसे बाद में बात करता हूँ।
विशेष नोट: अन्य बिन्दुओं पर जानकारी चाही गई तो बोखलाहट में बिना जवाब दिए मीटिंग का बहाना बनाते हुए बाद में बात करने की कह कर कॉल काट दिया।
रामप्रसाद परमार
सचिव, ग्राम पंचायत, मोरवन-ज.पं. जावद