प्रतापगढ़

एपीसी विद्यालय में नवरस वार्षिकोत्सव पर बिखरे संस्कृति के रंग

 

प्रतापगढ़। शहर में संचालित ए.पी.सी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नवरस वार्षिकोत्सव 2025 बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से नवरस की अभिव्यक्ति की, जिससे उपस्थित सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए । विद्यार्थियों ने श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, अद्भुत, शांत और उत्साह जैसे नवरसों को विभिन्न नृत्य, नाटक और गायन के माध्यम से जीवंत किया। मां सरस्वती के समक्ष मुख्य अतिथियों के कर कमल से दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि सी.ई.ओ. पर्वत सिंह जी चुंडावत, तहसीलदार उज्जवल  जैन, नायब तहसीलदार संदीप  मेघवाल, डी.वाय.एस. पी. गजेंद्र सिंह, सी.आई.प्रतापगढ़ दीपक बंजारा, 51वीं एमपी बटालियन रतलाम मेजर देव विजय सिंह, 15 वीं एमपी बटालियन मंदसौरएन.सी.सी. लेफ्टिनेंट जितेंद्र कनौजिया, सी.एच.एम.16वीं सिख रेजीमेंट सुखचैन सिंह, डी.एफ.ओ. हरिकृष्ण सारस्वत , डॉ. राकेश पाटीदार, सी.ओ. स्काउट गाइड रेखा शर्मा, डी.ए.ओ. दीपिका पिपलावत, डी.टी.ओ दुर्गा शंकर , तरुणदास , विद्यालय प्रबंधक पिंकेश पोरवाल,नवीन भैरविया,एपीसी कॉलेज प्राचार्य संजय गिल, विद्यालय की प्राचार्या डॉ.के.डैरिक एवं डैरिक सीरिल उपस्थित थे।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि तारक मेहता का उल्टा चश्मा के कलाकार टप्पू ने कार्यक्रम में शिरकत की। टप्पू ने बच्चों के साथ पूरी मौज मस्ती के साथ डांस किया। टप्पू की उपस्थिति बच्चों में हर्षोल्लास भर गई।
इसके बाद गणेश वंदना की प्रस्तुति से पारंपरिक अंदाज में कार्यक्रम को विधिवत शुरू किया गया। प्ले ग्रुप एवं नर्सरी के नन्हे मुन्ने बच्चों ने माता-पिता के साथ वात्सल्य रस को अभिव्यक्त करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। एल.के.जी के नन्हे मुन्ने बच्चों ने शांत रस, एच.के.जी.एवं कक्षा दूसरी के बच्चों ने हास्य रस नृत्य के जरिए जिंदगी को खूबसूरत बनाने की प्रेरणा दी । कक्षा पहली के विद्यार्थियों ने राजस्थान की कठपुतली कला को दर्शाते हुए अद्भुत रस अभिव्यक्त किया। किसानों की समस्या पर आधारित करुण रस पर नृत्य प्रस्तुत कर सभी की आंखें नम कर दी। कक्षा चौथी और पांचवी के बच्चों ने प्रदूषण फैलाने से भविष्य में प्रकृति का जो रूप होगा और उसे दर्शाते हुए विभत्स रस की प्रस्तुति दी। कक्षा 6 के विद्यार्थियों ने वृद्ध माता-पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ने उनकी स्थिति को व्यक्त करते हुए करुण रस को नृत्य के माध्यम से दर्शाया। महाराष्ट्र के वीर तानाजी की नृत्य नाटिका कक्षा सातवीं के बच्चों ने प्रस्तुत की। कक्षा आठवीं के विद्यार्थियों ने महाभारत धर्म युद्ध पर एक मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी। कक्षा दसवीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों ने कृष्ण लीलाओं का मंचन किया इसमें कृष्ण जन्म कालिया वध कंस वध के माध्यम से श्री कृष्ण के जीवन को दर्शाया। कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों ने शिव तांडव नृत्य के माध्यम से रौद्र रस को अभिव्यक्ति किया। कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों ने राजस्थान की त्याग की प्रतिमूर्ति पन्नाधाय पर नाटक मंचन कर वीर रस की अभिव्यक्ति दी। कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों ने तंत्र-मंत्, भूत आदि का डरावना माहौल बनाकर नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से भयानक रस को अभिव्यक्त किया। तीसरी से पांचवी तक के विद्यार्थियों ने हास्य रस एवं कक्षा नौवीं से 12वीं के विद्यार्थियों ने श्रृंगार गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी। विद्यार्थियों की ओर से प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और नवरस भावनाओं ने दर्शकों को अपनी सीटों से चिपकने पर मजबूर कर दिया।
सी.ओ. प्रतापगढ़ पर्वतसिंह चुंडावत ने महाभारत के अर्जुन की मछली की आंख को लक्ष्य करने की कहानी सुना कर विद्यार्थियों का को एकाग्रता के साथ अपना लक्ष्य केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा नवरस भावनाओं को प्रदर्शित करने की कला की सराहना करते हुए प्रोत्साहित किया।
विद्यालय की प्राचार्या डॉ.के.डैरिक ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने शैक्षिक और सह-शैक्षणिक क्षेत्रों में स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम नवरस की अवधारणा को बच्चों में लोकप्रिय बनाने का एक सफल प्रयास था। कार्यक्रम का समापन अतिथियों का आभार प्रकट कर किया।

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